How to Be Disciplined By Sheldon Howe | अपनी लाइफ में Disciplined बनना सीखो | Book Summary in Hindi

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00:00:00 हेलो फ्रेंड्स बुक इंसाइडर पर आप सभी का स्वागत है आज हम बात करने वाले हैं हाउ टू बी डिसिप्लिन बाय शेल्डन हाउ बुक के बारे में ठंडी सर्दियों की शाम थी ऋतिक जो कि दिल्ली के एक छोटे से फ्लैट में अकेला रहता था अपनी जिंदगी से परेशान था उसकी नौकरी बस ठीक-ठाक चल रही थी लेकिन अंदर से उसे लगता था कि वह अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा नहीं कर रहा अक्सर वह सोचता कि आखिर उसे चाहिए क्या एक रात जब वह यूं ही बेड पर पड़ा मोबाइल स्क्रॉल कर रहा था उसकी नजर एक बुक रिव्यू पर पड़ी किताब का नाम था हाउ टू बी डिसिप्लिन और लेखक का नाम था शेल्डन हाउ क्या फालतू टॉपिक है उसने खुद

00:00:44 से कहा लेकिन अंदर कहीं उसे लगा कि शायद यही वह किताब है जिसकी उसे जरूरत है उसने तुरंत किताब ऑनलाइन ऑर्डर कर दी तीन दिन बाद किताब उसके हाथ में थी ऋतिक ने सोचा चलो देख ही लेते हैं आखिर यह बुक इतनी पॉपुलर क्यों है वो बुक लेकर अपने बालकनी में चला गया ठंडी हवा चल रही थी और चाय का कप उसकी टेबल पर रखा था उसने बुक खोली और पहला चैप्टर पढ़ना शुरू किया पहले चैप्टर का नाम था सेट क्लियर गोल्स किताब पढ़ते ही ऋतिक को ऐसा लगा जैसे कोई उसे आईना दिखा रहा हो उसमें लिखा था स्पष्ट और प्राप्त करने योग्य लक्ष्य स्थापित करना अनुशासन का मूलभूत है गोल्स प्रोवाइड

00:01:26 डायरेक्शन एंड मोटिवेशन मेकिंग इट इजियर टू स्टे फोक एंड मेजर प्रोग्रेस रितिक को समझ नहीं आया कि यह इतनी सिंपल सी बात उसे अब तक समझ क्यों नहीं आई थी वह अक्सर बड़े-बड़े सपने देखता था एक दिन अपनी कंपनी शुरू करूंगा या डिजिटल मार्केटिंग में एक्सपर्ट बनूंगा लेकिन कभी उसने अपने गोल्स को डिटेल में प्लान नहीं किया था उसने किताब के अगले पैराग्राफ पर नजर डाली वहां लिखा था इफ यू डोंट नो वर यू आर गोइंग यूल नेवर गेट देयर इस एक लाइन ने उसे झग छोड़ दिया सही बात है उसने सोचा मैं हमेशा यह सोचता हूं कि कुछ करना है लेकिन करना क्या है यह पता ही नहीं होता

00:02:07 उसने किताब को बंद किया और बालकनी से उठकर अंदर चला गया उसने अपने रूम का सबसे शांत कोना चुना और अपनी नोटबुक लेकर बैठ गया उसने सोचा कि पहली बार अपनी लाइफ में वह कुछ क्लियर गोल्स बनाएगा पहली लाइन उसने लिखी एक अपनी फिटनेस पर ध्यान देना है अगले छ महीने में 10 किलो वजन कम करना है दो डिजिटल मार्केटिंग के तीन एडवांस कोर्स पूरे करने हैं तीन हर महीने पांच नई किताबें पढ़नी हैं लिखने के बाद उसने नोटबुक बंद की और एक अजीब सी राहत महसूस की यह सब करना इतना आसान तो नहीं था लेकिन पहली बार उसने अपने गोल्स को इतना साफ-साफ लिखा था अगले दिन जब वह सुबह उठा तो उसने

00:02:51 अपनी लाइफ का पहला गोल शुरू करने की कोशिश की उसने अलार्म 6:00 बजे लगाया था लेकिन जब अलार्म बजा तो उसने तुरंत स्नूज़ बटन दबा दबा दिया 5 मिनट और उसने खुद से कहा वह पा मिनट कब एक घंटे में बदल गए उसे पता भी नहीं चला जब उसकी आंख खुली तो उसने दीवार घड़ी की ओर देखा 7:30 मिट हो चुके थे यार आज भी नहीं हो पाया उसने गुस्से में खुद से कहा फिर उसे अपनी किताब की याद आई उसने बुक निकाली और फिर से पहला पेज पड़ा उसमें एक लाइन थी फेलियर इज अ पार्ट ऑफ द प्रोसेस डोंट बी डिस्क बा स्मल सेट बैक्स फोकस ऑन गेटिंग बैक ऑन ट्रैक उसने मुस्कुराते हुए खुद से कहा चलो यह तो

00:03:37 किताब ने पहले ही समझा दिया था कोई बात नहीं कल से सही उस शाम उसने एक और काम किया उसने अपने रूम की दीवार पर एक बड़ा सा चार्ट लगाया और उसमें अपने गोल्स लिख दिए उसके बगल में उसने छोटे-छोटे बॉक्स बनाए हर बार जब वह अपना कोई काम पूरा करता तो वह एक बॉक्स में टिक करता धीरे-धीरे अगले कुछ दिनों में उसने सुबह जल्दी उठने की आदत डालनी शुरू कर दी वो पहली बार पार्क में जॉगिंग के लिए गया पार्क में ठंडी हवा और भागते हुए लोगों को देखकर उसे महसूस हुआ कि उसे अपनी जिंदगी को लेकर सीरियस होना ही पड़ेगा वापस आकर उसने किताब का अगला हिस्सा पढ़ा वहां लिखा था

00:04:18 ब्रेक योर गोल्स इंटू स्मॉलर मैने जबल स्टेप्स अ बिग गोल कैन फील ओवर वेल्मिनिक उसने सोचा उसने अपने फिटनेस गोल को छोटे-छोटे टास्क में डिवाइड कर दिया पहले हफ्ते सिर्फ 15 मिनट जॉगिंग करूंगा दूसरे हफ्ते 20 मिनट फिर धीरे-धीरे 30 मिनट किताब का पहला चैप्टर जैसे उसकी लाइफ का गाइड बन गया था वह हर बार उसे पढ़ता और अपनी लाइफ में अप्लाई करने की कोशिश करता लेकिन लाइफ इतनी आसान कहां होती है एक दिन उसकी मां का कॉल आया उन्होंने कहा तुमने पिछले दो हफ्तों से फोन क्यों नहीं किया हम यहां कितने पर है रितिक को अचानक एहसास हुआ कि वह अपने गोल्स में इतना खो गया था

00:05:05 कि उसने अपने परिवार से बात करना ही बंद कर दिया था उसने फौरन मां को कॉल बैक किया और उनकी बात ध्यान से सुनी उसने सोचा कि शायद सेट क्लियर गोल्स का मतलब सिर्फ करियर और फिटनेस नहीं बल्कि अपने रिश्तों को भी बैलेंस करना है उसने अपनी नोटबुक निकाली और एक और लाइन लिखी चार हर हफ्ते अपने पेरेंट्स को कॉल करना और उनके साथ टाइम ताना इस तरह रितिक की लाइफ धीरे-धीरे बदलने लगी वह हर रात सोने से पहले अपने दिन का रिव्यू करता अगर उसने कोई टास्क मिस कर दिया होता तो वह उसे अगले दिन की लिस्ट में जोड़ लेता किताब के पहले चैप्टर ने उसे समझा दिया था कि गोल्स सिर्फ लिखने

00:05:47 के लिए नहीं होते बल्कि उन्हें जीना होता है उसने सीखा कि गोल्स की वजह से उसकी जिंदगी में एक दिशा आई थी लेकिन कहानी यहां खत्म नहीं होती ऋतिक को समझ आ गया था कि यह सिर्फ शुरुआत बात है शेल्डन हाउ की किताब का पहला चैप्टर तो एक झलक मात्र थी उसे बाकी के चैप्टर पढ़ने थे और उन पर काम करना अगर आपको हमारी फ्री समरी अच्छी लगती है तो आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं हमारी मेंबरशिप खरीद सकते हैं या हमें यूपीआई के थ्रू सपोर्ट कर सकते हैं अब समरी पर वापस चलते हैं वह खुद से मुस्कुरा कर बोला अब देखो यह किताब मेरी जिंदगी कैसे बदलती है ऋतिक ने अगले कुछ

00:06:27 दिनों में अपने पहले गोल्स पर अच्छा खासा काम कर लिया था उसे लगा कि अब उसकी लाइफ धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है उसके दीवार वाले चार्ट पर कई बॉक्स टिक हो चुके थे और हर टिक उसे एक नई एनर्जी देता था उसने सोचा कि अब वक्त आ गया है किताब का अगला चैप्टर पढ़ने का रात के खाने के बाद वह अपने फ्लैट के छोटे से कोने में बैठा सामने उसकी किताब रखी थी उसने कपड़े की बुकमार्क हटाई और अगला पेज पलटा दूसरा लेसन था डेवलप अ रूटीन पढ़ते ही उसे लगा कि यह तो वही चीज है जो हमेशा उसकी सबसे बड़ी कमजोरी रही है उसकी लाइफ इतनी बेतरतीब थी कि कोई भी चीज कभी प्लान के

00:07:07 हिसाब से नहीं होती कभी वह रात को देर तक जागता कभी सुबह लेट उठता वीकेंड्स तो पूरी तरह से यूं ही निकल जाते थे किताब में लिखा था क्रिएटिंग अ कंसिस्टेंट डेली रूटीन हेल्प्स इन बिल्डिंग हैबिट्स दैट रिइंफोर्स डिसिप्लिन अ स्ट्रक्चर्ड स्केड्यूल मिनिमाइज डिस्ट्रक्शंस एंड प्रमोट्स प्रोडक्टिविटी बाय एलोकेटिंग स्पेसिफिक टाइम्स फॉर टास्क्स ऋतिक ने किताब के हर शब्द को ध्यान से पढ़ा उसे एहसास हुआ कि अगर वह सच में अपनी लाइफ में डिसिप्लिन लाना चाहता है तो उसे एक स्ट्रिक्ट रूटीन अपनाना पड़ेगा उसने खुद से कहा रूटीन बनाने का मतलब यह नहीं कि

00:07:44 लाइफ बोरिंग हो जाएगी इसका मतलब है कि मैं अपने टाइम का सही इस्तेमाल करना सीखू उसने तुरंत अपनी नोटबुक उठाई और लिखा मेरा परफेक्ट रूटीन एक सुबह 6:00 बजे उठना दो 6:1 से 700 बजे तक एक्स एक् साइज ती 7:30 तक ब्रेकफास्ट चार 8 बजे से 12 बजे तक वर्क टाइम 5च एक घंटे का लंच ब्रेक छ 1:00 बजे से 5:00 बजे तक फिर से काम सातवीं शाम को एक घंटा खुद के लिए पढ़ाई स्किल्स सीखने या रिफ्लेक्शन के लिए आठवीं रात को 10 बजे तक सो जाना रूटीन प्लान करना आसान था लेकिन उसे फॉलो करना व ऋतिक को पता था कि यह सबसे मुश्किल पार्ट है उसने सोचा चलो कल से ट्राई करते हैं अगली सुबह जब

00:08:32 उसका अलार्म 6:00 बजे बजा तो उसे पहले दिन जैसा ही एहसास हुआ उसने कुछ देर के लिए फिर से स्नूज़ बटन दबा दिया लेकिन तभी उसे याद आया कि वह अब अपनी पुरानी आदतों पर नहीं लौट सकता उसने झट से अलार्म बंद किया और बिस्तर से उठ खड़ा हुआ उसने अपने फोन में टाइमर लगाया और अपने रूटीन के हिसाब से एक्सरसाइज शुरू की शुरुआत में उसके शरीर को उठने में बड़ी मुश्किल हुई उसे हर मिनट ऐसा लगा जैसे वह फिर से वापस सो जाए लेकिन उसने किताब के उस हिस्से को याद किया जहां लिखा था हैबिट्स हार्ड टू बिल्ड इनिशियली लेकिन कंसिस्टेंसी मेक्स थम इजी ओवर टाइम पहले कुछ दिन उसके लिए बहुत

00:09:14 स्ट्रगल वाले थे कभी-कभी वह ब्रेकफास्ट के टाइम पर बैठा यह सोचता कि क्या रूटीन बनाना सही फैसला था लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतने लगे वह रूटीन का मजा लेने लगा रूटीन का सबसे अच्छा असर उसकी प्रोडक्टिविटी पर हुआ अब जब वह अपने काम पर बैठता तो उसका पूरा फोकस काम पर होता उसे पता था कि उसने पहले से ही हर काम के लिए एक टाइम स्लॉट अलॉट किया है इसलिए उसे सब कुछ ठीक से करने का टाइम मिलेगा एक दिन ऑफिस में उसके मैनेजर ने उससे कहा ऋतिक तुमने पिछले हफ्ते जितना काम किया है वह शायद ही किसी ने किया होगा तुम ठीक तो हो रितिक ने मुस्कुराते हुए कहा सर बस कुछ डिसिप्लिन

00:09:56 में आ रहा हूं शाम को जब वह घर लौटा तो उसे एहसास हुआ कि रूटीन सिर्फ टाइम को मैनेज करने का तरीका नहीं है यह लाइफ को बेहतर बनाने का जरिया भी है उसने अपने खाली वक्त में नई किताबें पढ़नी शुरू की वह हर दिन रात को सोने से पहले अपनी दिनचर्या का रिव्यू करता लेकिन लाइफ इतनी सीधी नहीं थी एक रविवार को उसके दोस्त राहुल का फोन आया भाई आज मूवी देखने चल रहे हो ऋतिक को कुछ कंफ्यूजन हुआ मूवी का मतलब था कि उसका शाम का पढ़ाई का टाइम मिस हो जाएगा लेकिन फिर उसने सोचा रूटीन का मतलब यह नहीं कि मैं अपनी लाइफ को एंजॉय करना छोड़ दूं कभी-कभी ब्रेक लेना भी

00:10:36 जरूरी है उसने खुद से एक नई बात सीखी रूटीन का मतलब स्ट्रिक्ट रूल्स नहीं बल्कि बैलेंस है अगले कुछ दिनों में उसने अपने रूटीन को और फ्लेक्सिबल बनाया उसने अपने शेड्यूल में फ्री टाइम के स्लॉट भी जोड़े यह वह वक्त था जब वह कुछ भी कर सकता था फैमिली से बात दोस्तों के साथ घूमना या सिर्फ आराम करना किताब में एक और इंटरेस्टिंग लाइन थी अ रिजडन कैन सम टाइम्स फील लाइक अ बर्डन अलाउ सम फ्लेक्सिबल टू अमेट अन एक्सपेक्टेड इवेंट्स उसने महसूस किया कि रूटीन ने उसे एक बेहतर इंसान बना दिया है उसकी लाइफ में अब एक स्ट्रक्चर था पहले जहां वह हर काम

00:11:17 लास्ट मिनट तक लता था अब वह समय पर अपने टास्क पूरे कर लेता था लेकिन कहानी यहां खत्म नहीं होती ऋतिक को एहसास हुआ कि रूटीन बनाने से उसका सफर शुरू हुआ है लेकिन अभी उसे अपनी आदतों को और गहराई तक ले जाना है किताब में अभी और लेसंस बाकी थे उसने खुद से वादा किया कि वह हर लेसन को पढ़ेगा समझेगा और अपनी जिंदगी में उतारे और इसी उम्मीद के साथ उसने अगले चैप्टर पर जाने के लिए किताब को धीरे से बंद कर दिया कुछ हफ्ते बीत चुके थे और ऋतिक अपनी रूटीन को लेकर काफी सहज महसूस करने लगा था अब सुबह जल्दी उठना वर्कआउट करना और दिन को प्रोडक्टिव तरीके से

00:11:58 बिताना उस उसकी आदत में शामिल हो चुका था लेकिन जिंदगी हमेशा सरल रास्ते पर नहीं चलती एक दिन ऑफिस के बाद वह थक कर घर आया और उसने सोचा कि कुछ आराम किया जाए उसने टीवी चालू किया और सीरियल देखते देखते अनजाने में तीन घंटे बर्बाद कर दिए जब रात को उसने दीवार पर लगे अपने चार्ट को देखा तो वह शर्मिंदगी महसूस कर उसने खुद से कहा यार इतना अच्छा चल रहा था सब कुछ और आज फिर से वही पुरानी आदतों पर लौट आया उसी रात उसने किताब निकाली और अगले चैप्टर पर पहुंच गया तीसरे लेसन का नाम था एंब्रेस सेल्फ कंट्रोल किताब की पहली लाइन ने ही उसे अंदर तक झोड़ दिया उसमें लिखा था

00:12:42 सेल्फ कंट्रोल आवश्यक है ताकि प्रलोभन को दूर किया जा सके रेजिस्टिंग शॉर्ट टर्म प्लेजरस इन फेवर ऑफ लॉन्ग टर्म गोल्स इज द फाउंडेशन ऑफ डिसिप्लिन लिविंग ऋतिक ने खुद से कहा यही तो मेरी सबसे बड़ी प्रॉब्लम है मैं हमेशा श टर्म प्लेजर के पीछे भागता हूं चाहे वह घंटों सोशल मीडिया स्क्रॉल करना हो या कुछ भी ऐसा करना जो मेरे बड़े गोल्स के खिलाफ है किताब में एक और इंटरेस्टिंग बात लिखी थी डिस्ट्रक्शंस आर एवरी वेयर एंड दे ऑफ्टन डिसगाइज देम सेल्व एस हार्मलेस ब्रेक्स बट एवरी स्मॉल टेंप्टेशन एड्स अप टू डिरेल योर प्रोग्रेस रितिक ने अगले ही दिन से अपने अंदर सेल्फ

00:13:24 कंट्रोल लाने की ठान ली उसने सबसे पहले अपने सबसे बड़े डिस्ट्रक्शन की पहचान जान की उसका मोबाइल उसने अपने फोन से सारी अनावश्यक एप्स डिलीट कर दी और स्क्रीन टाइम लिमिट सेट कर दी उसने तय किया कि वह दिन में सिर्फ एक बार सोशल मीडिया चेक करेगा वह भी सिर्फ 15 मिनट के लिए पहले दिन यह करना उसके लिए बहुत मुश्किल था कई बार उसका मन हुआ कि वह फोन उठाकर यह लाइन उसके लिए गाइड की तरह बन गई उसने महसूस किया कि सेल्फ कंट्रोल लाने का मतलब यह नहीं है कि वह हर चीज से खुद को दूर कर ले इसका मतलब यह है कि वह अपनी प्रायोरिटी

00:14:11 को समझे और जो उसके गोल्स के खिलाफ है उसे ना कहना सीखे कुछ दिन बाद एक और चुनौती उसके सामने आई शनिवार की शाम उसके दोस्त उसे कॉल करके पार्टी के लिए बुला रहे थे वह जानता था कि अगर वह गया तो पूरी रात पार्टी में निकल जाएगी और अगले दिन सुबह उठकर वर्कआउट करने का कोई चांस नहीं रहेगा उसने खुद से सवाल किया क्या मुझे जाना चाहिए या मुझे अपने लॉन्ग टर्म गोल्स पर फोकस करना चाहिए किताब की एक और लाइन उसे याद आई हर बार जब आप एक तमन्ना का विरोध करते हैं तो आप एक कदम और करीब आते हैं बनने के लिए जिस व्यक्ति को आप बनना चाहते हैं ऋतिक ने आखिरकार पार्टी में ना जाने

00:14:50 का फैसला किया उसने दोस्तों से माफी मांगी और उन्हें समझाया कि वह इस वक्त अपनी लाइफ पर काम कर रहा है हालांकि यह करना उसके लिए आसान नहीं था मन में कहीं उसे यह भी लगा कि शायद दोस्त उसे अब बोरिंग कहेंगे लेकिन अगले दिन सुबह जब वह समय पर उठा और अपनी दिनचर्या फॉलो की तो उसे अपनी इस जीत पर गर्व महसूस हुआ एक दिन जब वह शाम को किताब पढ़ रहा था उसने उसमें लिखा देखा डिसिप्लिन इज चूज बिटवीन व्हाट यू वांट नाउ एंड व्हाट यू वांट मोस्ट उसने महसूस किया कि सेल्फ कंट्रोल सिर्फ बड़ी चीजों में नहीं बल्कि छोटी-छोटी आदतों में भी जरूरी है उसने ठान लिया कि वह अपनी लाइफ

00:15:32 के हर छोटे पहलू में इसे लागू करेगा उदाहरण के लिए जब वह ऑफिस में लंच के बाद मीठा खाने की आदत बना चुका था उसने उसे छोड़ने का फैसला किया पहली बार जब उसने अपने फेवरेट गुलाब जामुन को देखा और खुद से कहा नहीं यह मेरे फिटनेस गोल के खिलाफ है तो उसे महसूस हुआ कि सेल्फ कंट्रोल कितना मुश्किल लेकिन जरूरी है किताब में आगे लिखा था द की टू मास्ट सेल्फ कंट्रोल इज टू रिमाइंड योरसेल्फ ऑफ योर बिगर गोल्स व्हेनेवर अ टेंटेशन अराइज रितिक ने इस सलाह को अपने दिमाग में फिट कर लिया उसने हर उस चीज को अपने सामने रखना शुरू कर दिया जो उसे उसके बड़े गोल्स की याद दिलाए

00:16:16 उसकी नोटबुक दीवार पर लगे चार्ट और उसकी खुद की जर्नी ऑल दिस बिकम हिज मोटिवेट धीरे-धीरे उसकी इच्छाओं पर काबू पाने की ताकत बढ़ने लगी अब जब भी उसे कोई डिस्ट ट्रैक्शन दिखता वह खुद से एक ही सवाल करता क्या यह मुझे मेरे बड़े गोल्स के करीब ले जाएगा या दूर करेगा कुछ हफ्तों बाद उसके ऑफिस में एक और चैलेंज आया कंपनी ने एक नया प्रोजेक्ट दिया जिसमें उसे देर रात तक काम करना होता पहले वह हमेशा ऐसे हालात में बहाने ढूंढता कि प्रोजेक्ट कैसे टाला जाए लेकिन अब उसने सेल्फ कंट्रोल के साथ अपने समय को मैनेज करना सीखा उसने अपने रूटीन को कुछ बदला ताकि प्रोजेक्ट के

00:16:58 साथ-साथ उस कि बाकी आदतें भी बनी रहे रितिक को एहसास हुआ कि सेल्फ कंट्रोल सिर्फ डिस्ट्रक्शंस को इग्नोर करने के लिए नहीं बल्कि मुश्किल परिस्थितियों में खुद को बेहतर तरीके से संभालने के लिए भी जरूरी है किताब के इस लेसन ने उसकी लाइफ का एक और दरवाजा खोल दिया था उसने महसूस किया कि जो लोग अपनी छोटी-छोटी इच्छाओं को कंट्रोल करना सीख जाते हैं वही बड़ी-बड़ी चीजें अचीव कर पाते हैं और इस तरह ऋतिक ने अपनी जर्नी को और आगे बढ़ाने का फैसला किया ने खुद से कहा अभी तो सिर्फ शुरुआत हुई है यह किताब मुझे और कितना सिखाएगी मैं इसका इंतजार नहीं कर सकता अगली रात

00:17:37 उसने किताब के अगले चैप्टर पर जाने के लिए उसे धीरे से बंद कर दिया ऋतिक की जिंदगी धीरे-धीरे बदल रही थी रूटीन और सेल्फ कंट्रोल के लेसंस को उसने अपनी लाइफ का हिस्सा बना लिया था हर दिन उसके भीतर एक नई एनर्जी और मोटिवेशन होती थी लेकिन फिर भी कुछ ऐसा था जो उसे खटक रहा था कई बार जब वह काम करता तो उस का मन भटकने लगता वह एक काम में लगा होता और तभी अचानक किसी पुराने पल की याद आ जाती या भविष्य की चिंता उसके दिमाग में घूमने लगती कभी वह सोचता कि अगर प्लांस काम नहीं किए तो क्या होगा या कभी उसे लगता कि वह अपनी पुरानी गलतियों के बारे में सोचकर वक्त बर्बाद कर

00:18:17 रहा है एक दिन जब वह शाम को अपने फ्लैट की बालकनी में बैठा था तो उसने खुद से कहा मैंने डि और सेल्फ कंट्रोल पर तो काफी काम कर लिया है लेकिन यह ध्यान क्यों भटकता रहता है उसे लगा कि यह शायद अगला लेसन सीखने का सही वक्त है उसने किताब निकाली और अगले चैप्टर पर पहुंचा चौथे लेसन का नाम था प्रैक्टिस माइंडफुल किताब में लिखा था माइंडफुल मेंटे निंग फोकस और रिड्यूस एनसीटी में मदद करता है बाय बीइंग प्रेजेंट इन द मोमेंट इंडिविजुअल्स कैन बेटर मैनेज देयर थॉट्स एंड इमोशंस लीडिंग टू इंप्रूव डिसीजन मेकिंग एंड प्रोडक्टिविटी

00:19:00 रितिक ने इस लेसन को पढ़ना शुरू किया और उसे महसूस हुआ कि यह उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी परेशानी का जवाब हो सकता है उसने सोचा मैं अक्सर या तो अतीत में जीता हूं या भविष्य की चिंता में खो जाता हूं लेकिन शायद मैं अभी के पल को जीने में असफल हूं किताब में एक और लाइन थी जिसने उसका ध्यान खींचा द माइंड इज लाइक अ मंकी ऑलवेज जंपिंग फ्रॉम वन थॉट टू अनदर माइंडफुल हेल्प्स यू टेम दिस मंकी एंड ब्रिंग इट टू द प्रेजेंट मोमेंट रितिक ने तुरंत इस लेसन को अपनी जिंदगी में लागू करने का फैसला किया अगली सुबह जब उसने अपना वर्कआउट खत्म किया तो उसने एक नई प्रैक्टिस शुरू की

00:19:42 उसने इंटरनेट पर देखा कि माइंड फुलनेस मेडिटेशन कैसे किया जाता है उसने अपनी बालकनी में एक शांत जगह चुनी आंखें बंद की और गहरी सांसें लेने लगा पहले कुछ मिनटों तक उसका दिमाग हर दिशा में भागता रहा कभी ऑफिस के काम की चिंता कभी किसी पुराने झगड़े की याद लेकिन उसने खुद से कहा जो भी ख्याल आए उन्हें आने दो लेकिन मैं अपनी सांस पर फोकस करूंगा धीरे-धीरे उसने महसूस किया कि उसके विचार धीमे हो रहे हैं जैसे-जैसे वह गहरी सांस लेता गया उसका मन शांत होता गया पहली बार उसे ऐसा लगा कि वह अपने दिमाग को कंट्रोल कर पा रहा है किताब में लिखा था माइंड फुलनेस न ही बंद करने

00:20:24 के बारे में है यह देखने के बारे में है कि वे बिना किसी निर्णय के देख रहे और सौम्य ढंग से अपनी ध्यान को वापस प्रस्तुत कर रहे हैं इस प्रैक्टिस को उसने अपनी डेली रूटीन का हिस्सा बना लिया हर सुबह और रात को सोने से पहले वह 10 मिनट के लिए मेडिटेशन करता इसका असर उसकी पूरी जिंदगी पर दिखने लगा जब वह ऑफिस में काम करता तो अब उसका फोकस पहले से बेहतर था अगर उसका ध्यान भटकता तो वह कुछ पल के लिए गहरी सांसें लेता और खुद को वापस काम पर फोकस करने के लिए तैयार करता एक दिन ऑफिस में एक बड़ा प्रोजेक्ट मिला टीम लीड ने सभी को बताया कि यह काम बहुत मुश्किल होगा और

00:21:05 डेडलाइन भी कड़ी है ऋतिक की टीम के लोग परेशान हो गए लेकिन उसने खुद को शांत रखा उसने अपनी माइंड फुलनेस प्रैक्टिस का इस्तेमाल किया जब बाकी लोग घबराहट में इधर-उधर बातें कर रहे थे ऋतिक ने चुपचाप एक प्लान बनाया उसने अपने हिस्से का काम छोटे-छोटे हिस्सों में बांट लिया और हर दिन के लिए एक टास्क तय किया उसकी शांत और व्यवस्थित अप्रोच देखकर टीम लीड ने उसकी तारीफ की उसने किताब की एक और लाइन याद की माइंडफुल ना केवल आपको दबाव के बीच शांत रहने में मदद करती है बल्कि आपकी सोच को स्पष्ट करने और बेहतर निर्णय लेने में मदद करती है माइंडफुल का असर उसकी पर्सनल लाइफ

00:21:46 पर भी हुआ पहले जब वह दोस्तों के साथ होता तो अक्सर उसका ध्यान कहीं और होता था लेकिन अब वह हर बातचीत में पूरी तरह मौजूद रहता उसे एहसास हुआ कि जब आप अपने करीबी लोगों को अपना 100% ध्यान देते हैं तो रिश्ते भी मजबूत होते हैं एक दिन उसने अपनी मां को फोन किया जब वह बात कर रही थी तो उसने खुद से वादा किया कि वह उनका हर शब्द ध्यान से सुनेगा पहले जहां वह फोन पर सिर्फ हां ठीक है कहकर बात खत्म कर देता था अब वह उनकी बातों पर प्रतिक्रिया देता और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करता माइंडफुल का सबसे बड़ा असर उसकी चिंता और तनाव पर हुआ पहले वह छोटी-छोटी बातों पर

00:22:29 परेशान हो जाता था लेकिन अब जब भी उसे तनाव महसूस होता वह गहरी सांस लेकर खुद को याद दिलाता मैं इस पल में हूं अभी जो है वही सच है बाकी सब मेरे दिमाग का खेल है किताब में एक और लाइन थी जिसे उसने अपने वर्क स्पेस की दीवार पर लिखकर लगा दिया द प्रेजेंट मोमेंट इज द ओनली प्लेस वेयर लाइफ ट्रूली एक्जिस्ट्स लर्न टू लिव इन इट धीरे-धीरे माइंडफुल उसकी जिंदगी का हिस्सा बन गई उसने महसूस किया कि इस एक प्रैक्टिस ने उसकी सोच काम और रिश्तों में गहराई ला दी है अब वह हर दिन को खुली आंखों और खुले दिल से जीता था ऋतिक को समझ आ गया था कि माइंडफुल सिर्फ मेडिटेशन तक सीमित नहीं है

00:23:12 यह हर उस पल में मौजूद हो सकता है जब आप खाना खा रहे हो काम कर रहे हो या किसी से बात कर रहे हो एक शाम जब वह बालकनी में बैठा था तो उसने आसमान की तरफ देखा सूरज ढल रहा था और बादल हल्के नारंगी रंग के हो गए थे उसने उस पल को पूरी तरह महसूस किया पहले वह इन छोटी-छोटी चीजों को नजरअंदाज कर देता था लेकिन अब उसे एहसास हुआ कि यही पल जिंदगी को खूबसूरत बनाते हैं किताब के इस लेसन ने उसकी सोच को बदल दिया था उसने खुद से कहा अगर मैं हर पल को ध्यान से जीना सीख जाऊं तो शायद जिंदगी की हर चुनौती आसान हो जाएगी और इसी वादे के साथ उसने किताब को अगले चैप्टर के लिए बंद कर

00:23:55 दिया ऋतिक की लाइफ धीरे-धीरे ट्रैक पर आ रही थी माइंडफुल सेल्फ कंट्रोल और रूटीन की मदद से वह पहले से कहीं ज्यादा प्रोडक्टिव और शांत महसूस करने लगा था लेकिन लाइफ हर वक्त एक जैसी नहीं रहती कभी-कभी सब कुछ सही करने यह उसकी पहली बड़ी जिम्मेदारी थी उसने पूरी प्लानिंग कर रखी थी हर छोटी डिटेल पर ध्यान दिया अपने टीम मेंबर्स के साथ डिस्कशन किया और तय समय पर काम खत्म करने का पूरा भरोसा था लेकिन जैसे-जैसे डेडलाइन करीब आई चीजें बिगड़ने लगी टीम के कुछ लोग अपनी डेडलाइन मिस करने लगे और रितिक का खुद का काम भी पीछे छूटने लगा उसने जितनी मेहनत की उससे

00:24:38 कई गुना ज्यादा दबाव महसूस किया डेडलाइन के दिन प्रोजेक्ट अधूरा ही रह गया उसके मैनेजर ने उसे अपने केबिन में बुलाया और नाराजगी जताई रितिक को खुद पर बहुत गुस्सा आया उसने सोचा मैंने इतनी मेहनत की फिर भी असफल हो गया शायद मैं इस काम के लिए बना ही नहीं हूं उस शाम व आकर बालकनी में बैठा ऐसा लग रहा था जैसे सारी मेहनत बेकार हो गई हो उसने किताब को उठाया और अगले चैप्टर पर गया पांचवे लेसन का नाम था लर्न फ्रॉम फेलर्स पहली ही लाइन ने ऋतिक को सोचने पर मजबूर कर दिया फेलियर इज नॉट द एंड इट्स अ स्टेपिंग स्टोन टू सक्सेस डिसिप्लिन इवॉल्व लर्निंग फ्रॉम सेट बैक्स राद देन

00:25:22 बीइंग डिस्क बाय देम किताब आगे कहती थी हर असफलता एक सबक ले जा जाती है इट्स अप टू यू टू फाइंड इट एंड यूज इट टू ग्रो स्ट्रांग रितिक ने किताब को एक पल के लिए बंद किया और सोचा क्या मैं अपनी असफलता से सीख सकता हूं क्या यह वाकई एक मौका है खुद को बेहतर बनाने का अगले कुछ दिनों तक उसने अपने प्रोजेक्ट पर ध्यान से रिव्यू किया उसने सोचा कि क्या-क्या गलत हुआ था उसने पाया कि उसने कुछ छोटी-छोटी गलतियों पर ध्यान नहीं दिया था उदाहरण के लिए टीम के साथ नियमित चेक इन करना भूल गया था और कई बार खुद ही काम संभालने की कोशिश की बजाय इसे सही तरीके से डेलीगेट करने के किताब

00:26:05 में लिखा था फेलर्स ऑफ्टन हैपन बिकॉज ऑफ ओवरलुक्ड डिटेल्स रिफ्लेक्ट ऑन योर मिस्टेक्स नॉट टू ब्लेम योरसेल्फ बट टू इंप्रूव ऋतिक ने अपनी गलतियों को स्वीकार किया उसने खुद से वादा किया कि अगली बार वह बेहतर तरीके से तैयारी करेगा लेकिन साथ ही उसने खुद को याद दिलाया कि एक प्रोजेक्ट में फेल होना उसकी पूरी काबिलियत पर सवाल नहीं उठाता उसने खुद को मोटिवेट करने के लिए किताब में लिखी एक और लाइन दोहराई फेलियर इज अ डीटर नॉट अ डेड एंड इट्स अ चांस टू रिफाइन योर स्ट्रेटेजी एंड कम बैक स्ट्रांग अगले हफ्ते ऑफिस में एक और प्रोजेक्ट आया ऋतिक ने तुरंत अपनी

00:26:45 गलतियों से सीखी बातों को लागू करना शुरू कर दिया उसने टीम के साथ बेहतर कम्युनिकेशन बनाए रखा और हर छोटे-मोटे प्रॉब्लम को शुरुआत में ही सुलझा लिया धीरे-धीरे उसे एहसास हुआ कि असफलता से डरने के बजाय उसे इसे एक चुनौती के रूप में देखना चाहिए उसने महसूस किया कि हर असफलता के पीछे एक सीख छिपी होती है एक और घटना ने उसे इस लेसन को और गहराई से समझने का मौका दिया वह पिछले कुछ हफ्तों से सुबह जल्दी उठने की अपनी आदत को फॉलो कर रहा था लेकिन एक दिन देर रात तक जागने के कारण वह सुबह उठने में फेल हो गया उसने सोचा क्या मैं फिर से अपनी पुरानी आदतों में लौट रहा

00:27:27 हूं पहले वह खुद को कोसता लेकिन अब उसने किताब की सलाह को अपनाया उसने खुद से कहा यह सिर्फ एक दिन की बात है मैं कल से फिर से अपनी रूटीन पर लौट सकता हूं किताब में लिखा था डिसिप्लिन इज नॉट अबाउट बीइंग परफेक्ट एवरी डे इट्स अबाउट बाउंसिंग बैक आफ्टर सेट बैक्स उसने अगले दिन अलार्म बजने पर उठने का पूरा प्रयास किया और अपनी रूटीन को फिर से पकड़ लिया ऋतिक ने महसूस किया कि असफलता से निपटने का सबसे अच्छा तरीका है उसे स्वीकार कर उससे सीखना और आगे बढ़ना उसने अपने चार्ट पर एक नया सेक्शन जोड़ा सीखे गए पाठ हर बार जब भी वह किसी चीज में फेल होता तो वह

00:28:09 वहां लिखता कि उसने उस अनुभव से क्या सीखा कुछ हफ्तों बाद ऋतिक के मैनेजर ने उसे बुलाया उन्होंने कहा रितिक तुम्हारे काम में जबरदस्त सुधार आया है वह प्रोजेक्ट जिसमें तुम फेल हुए थे उसकी वजह से तुमने बहुत कुछ सीखा है और यह सीख तुम्हारे हर काम में दिख रही है रितिक मुस्कुराया उसने महसूस किया कि असफलता उसे तोड़ने के बजाय उसे मजबूत बना रही थी किताब में एक और बात लिखी थी रेसिलियंस इज बिल्ट थ्रू फेलर्स द मोर यू फेस सेट बैक्स द स्ट्रांग यू बिकम इस लेसन ने ऋतिक की सोच को पूरी तरह बदल दिया था अब जब भी उसे किसी काम में असफलता मिलती तो वह घबराने या निराश

00:28:52 होने के बजाय खुद से पूछता इससे मुझे क्या सीखने को मिला एक दिन जब वह अपने फ्लैट में बैठा था उसने अपने पुराने दोस्तों को याद किया वह दोस्त जो उसे कभी-कभी लूजर कहकर चिढ़ाते थे जब वह किसी काम में फेल हो जाता था लेकिन अब वह जानता था कि फेल होना कमजोरी नहीं है उसने खुद से कहा फेल होना जरूरी है बिना फेल हुए मैं कभी सीख ही नहीं पाता उस शाम उसने किताब को फिर से खोला वह जानता था कि अगले चैप्टर में भी उसके लिए कुछ खास होगा लेकिन इस बार उसने किताब को बंद करने से पहले आखिरी बार पेज को पढ़ा जो उसे बार-बार याद दिला रहा था फेलर इज जस्ट अनदर स्टेप ऑन द पाथ टू

00:29:34 सक्सेस कीप स्टेपिंग फॉरवर्ड और उसने खुद से वादा किया कि वह हर असफलता को गले लगाएगा और उससे सीखकर आगे बढ़ेगा ऋतिक अब तक किताब के पांच लेसंस को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना चुका था हर नया लेसन उसकी सोच को और बेहतर बनाता था उसने खुद को बहुत बदलते हुए देखा था पहले जो आदमी हर छोटी असफलता पर पर खुद को दोषी ठहरा था वह अब खुद को सिखा चुका था कि गिरना जरूरी है और गिर कर उठना उससे भी ज्यादा लेकिन अभी उसकी यात्रा पूरी नहीं हुई थी किताब के आखिरी चैप्टर ने उसकी उत्सुकता को बढ़ा दिया उसने किताब को फिर से खोला और यह वह शब्द था जो उसकी लाइफ में अब तक सबसे

00:30:17 ज्यादा मायने रखता था उसने महसूस किया कि उसके सारे प्रयास चाहे वह अपने गोल सेट करना हो रूटीन बनाना हो माइंडफुल अपनाना हो या सफलताओं से सीखना हो सब कुछ तभी काम करता है जब वह लगातार बना रहे किताब में लिखा था कि एक बार के प्रयास से कुछ नहीं बदलता असली बदलाव तब आता है जब हम हर दिन छोटे-छोटे कदम उठाते हैं और उन्हें निरंतर करते रहते हैं ऋतिक ने सोचा कि कंसिस्टेंसी यानी निरंतरता उसके लिए सबसे मुश्किल रही है कई बार वह एक दिन मेहनत करता और अगले दिन हार मान लेता कई बार प्लान बनाता लेकिन उसे फॉलो नहीं कर पाता उसे समझ आया कि शायद यही कारण था कि उसके

00:31:02 कई सपने अधूरे रह गए थे किताब में लिखा था मोटिवेशन गेट्स यू स्टार्टेड बट कंसिस्टेंसी कीप्स यू गोइंग इवन ऑन डेज व्हेन यू डोंट फील लाइक इट शोइंग अप मैटर्स द मोस्ट रितिक ने गहरी सांस ली उसे समझ में आ गया कि कंसिस्टेंसी एक आदत है और इसे बनाने के लिए हर दिन मेहनत करनी होगी उसने खुद से वादा किया कि वह अब हर दिन छोटा ही सही लेकिन एक कदम जरूर उठाएगा अगले दिन उसने अपनी रूटीन को और सख्त बना दिया सुबह जल्दी उठने के साथ उसने अपने दिन की प्लानिंग और डेडिकेशन को एक नया रूप दिया उसने तय किया कि वह हर दिन 30 मिनट अपनी फिटनेस पर काम करेगा भले ही वह

00:31:44 कितना भी थका हुआ क्यों ना हो उसने अपने काम में भी एक टाइम टेबल बनाया ताकि वह किसी भी डेडलाइन को मिस ना करें शुरुआत में यह आसान नहीं था कई बार ऐसा हुआ कि उसकी सुबह की अलार्म बजने के बाद व बतर में ही पड़ा रहा कई बार ऐसा हुआ कि वर्कआउट के लिए तैयार होते वक्त उसे बहाने सूझने लगे लेकिन हर बार उसने खुद को याद दिलाया कंसिस्टेंसी सबसे जरूरी है अगर आज हार मान ली तो कल यह और मुश्किल हो जाएगा धीरे-धीरे उसने महसूस किया कि यह छोटे-छोटे कदम उसे एक नई दिशा में ले जा रहे हैं एक दिन ऑफिस में उसके मैनेजर ने उसे एक बड़ा प्रोजेक्ट दिया यह वही तरह का

00:32:24 प्रोजेक्ट था जिससे कुछ महीने पहले वह फेल हो चुका था लेकिन इस बार उसके अंदर डर के बजाय आत्मविश्वास था उसने खुद से कहा इस बार मैं अपने प्लान को सिर्फ बनाऊंगा नहीं बल्कि उसे लगातार फॉलो भी करूंगा ऋतिक ने काम की शुरुआत छोटे-छोटे हिस्सों में बांट कर की उसने अपनी टीम के साथ नियमित मीटिंग्स रखी और हर किसी के काम का फीडबैक लिया उसने खुद के लिए एक टाइम टेबल बनाया और हर टास्क को समय पर पूरा किया जब भी उसका ध्यान भटकता या उसे थकान महसूस होती तो वह गहरी सांस लेकर खुद से कहता बस एक और कदम बस एक और कोशिश धीरे-धीरे उसका काम

00:33:03 समय पर और बिना किसी बड़ी गलती के खत्म होने लगा उसकी टीम के लोग भी उसकी कंसिस्टेंसी से प्रेरित थे डेडलाइन के दिन प्रोजेक्ट पूरा हो गया और उसका मैनेजर उसकी मेहनत और लीडरशिप की तारीफ करते नहीं थका ऋतिक को एहसास हुआ कि कंसिस्टेंसी का असर सिर्फ उसके काम तक सीमित नहीं था यह उसके हर पहलू में झलक लगा उसने अपनी फिटनेस पर भी इसी तरह काम करना जारी रखा पहले जहां वह सिर्फ कुछ दिनों तक एक्सरसाइज करता था और फिर छोड़ देता था अब वह हर दिन 30 मिनट खुद को समर्पित करता उसका शरीर और मन दोनों पहले से ज्यादा मजबूत और ऊर्जावान महसूस करने लगे ऋतिक ने

00:33:44 देखा कि कंसिस्टेंसी सिर्फ बड़ी-बड़ी चीजों में नहीं बल्कि छोटी-छोटी आदतों में भी असर डालती है उसने यह भी तय किया कि हर रात सोने से पहले वह किताब पढ़ेगा भले ही सिर्फ एक पन्ना क्यों ना हो एक दिन जब वह अपने पुराने दोस्तों से मिलने गया तो उन्होंने कहा तू बहुत बदल गया है ऋतिक पहले तुझे हर छोटी बात पर चिंता होती थी और अब लगता है जैसे तुझे सब कुछ संभालना आता है रितिक ने मुस्कुराते हुए कहा यह बदलाव धीरे-धीरे हुआ है मैंने बस हर दिन छोटा सा कदम उठाया और कंसिस्टेंसी बनाए रखी उसने अपने दोस्तों को किताब के लेसंस के बारे में बताया उसने

00:34:23 कहा कंसिस्टेंसी का मतलब है कि तुम हर दिन अपने आप से एक वादा निभाओ यह जरूरी नहीं कि तुम हर दिन परफेक्ट रहो बस जरूरी है कि तुम हर दिन कोशिश करते रहो उस रात जब वह घर लौटा तो उसने किताब का आखिरी पन्ना पढ़ा उसमें लिखा था डिसिप्लिन इज नॉट द गोल इट्स द जर्नी कीप गोइंग एंड यू विल फाइंड दैट सक्सेस बिकम अ हैबिट नॉट अ डेस्टिनेशन रितिक ने किताब को बंद किया उसने महसूस किया कि उसकी जिंदगी अब बदल चुकी थी लेकिन उसने यह भी समझा कि यह सफर कभी खत्म नहीं होगा हर दिन एक नई चुनौती होगी एक नई सीख होगी और एक नया मौका होगा खुद को बेहतर बनाने का उसने किताब को अपनी

00:35:07 टेबल पर रखा और खिड़की से बाहर देखा चांद की रोशनी उसके कमरे को हल्का सा रोशन कर रही थी उसने गहरी सांस ली और खुद से वादा किया कि वह इस सफर को कभी नहीं छोड़ेगा क्योंकि अब उसे पता था कि असली खुशी किसी मंजिल तक पहुंचने में नहीं बल्कि उस सफर को पूरी ईमानदारी और मेहनत से जीने में है और यहीं से रितिक की कहानी खत्म नहीं हुई यह तो बस एक नई शुरुआत थी तो फ्रेंड्स यह थी हमारी आज की बुक समरी आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं और धन्यवाद आपका समरी एंड तक सुनने के लिए |

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