The following YouTube video will explain the importance of 1 Hour Concept of doing any desired or important work to change your life completely by focussing on just one hour of work every time you want to do something. Please comment if you find this video informative and useful.
You can watch the above-mentioned video or read the whole book summary in hindi as mentioned below: –
00:00:00 हेलो फ्रेंड्स बुक इंसाइडर पर आप सभी का स्वागत है आज हम बात करने वाले हैं विन योर नेक्स्ट आवर बाय डैनी लेयर बुक के बारे में अमित एक छोटे से कस्बे में किराने की दुकान चलाता था उसकी दुकान भले ही ज्यादा बड़ी नहीं थी लेकिन ग्राहकों से उसका रिश्ता काफी अच्छा था वह हमेशा मुस्कुराकर लोगों से मिलता उनकी पसंद की चीजें याद रखता और कई बार उधारी भी दे देता लेकिन अमित के दिल में एक अधूरी ख्वाहिश थी दुकान से आगे बढ़ने की कुछ नया करने की पर डर हमेशा उसके रास्ते में आ जाता था रात के वक्त जब दुकान बंद हो जाती तो वह अकेले बैठकर सोचता मैं बस यही करता
00:00:42 रहूंगा या कुछ बड़ा भी कर पाऊंगा हर बार जब कोई नया आईडिया आता तो उसके साथ ही डर भी आ जाता अगर फेल हो गया तो अगर पैसा डूब गया तो लोग क्या कहेंगे फिर एक दिन उसके दोस्त अमित ने उसे एक किताब दी विन यर नेक्स्ट हर हाउ टू गेट स्टक और टर्न योर ड्रीम्स इनटू रियलिटी बाय डैनी ले अमित ने पहले तो किताब को साइड में रख दिया लेकिन उस रात जब नींद नहीं आई तो उसने किताब खोलकर पढ़ना शुरू किया पहला चैप्टर था ओवरकम फियर्स जैसे-जैसे अमित पढ़ता गया उसे लगा कि किताब उससे ही बातें कर रही थी उसमें लिखा था कि डर इंसान को आगे बढ़ने
00:01:24 से रोकता है लेकिन डर सिर्फ हमारे दिमाग का एक खेल होता है असल में जो चीज हमें नामुमकिन लगती हैं वह सिर्फ हमारे दिमाग की बनाई हुई दीवारें होती हैं अगर हम उन्हें पार करने की कोशिश करें तो वही डर हमारा सबसे बड़ा हथियार बन सकता है अमित को याद आया कि जब उसने पहली बार अपनी दुकान शुरू की थी तब भी उसे बहुत डर लगा था अगर दुकान नहीं चली तो लेकिन धीरे-धीरे उसने सब संभाल लिया तो फिर अब नया करने में डर क्यों अगली सुबह अमित ने दुकान खोली लेकिन आज कुछ अलग था उसके मन में जो डर था उसे आज उसने पहचान लिया था वह सोचने
00:02:03 लगा कि आखिर उसे डर किस बात का था असल में उसे अपने ग्राहकों को खोने का डर था पैसे डूबने का डर था और सबसे ज्यादा लोगों के तानों का डर था लेकिन किताब में लिखा था फेस योर फियर्स हेड ऑन द मोर यू अवॉइड देम द स्ट्रांग दे गेट बट द मोमेंट यू कंफरट्स देर पावर अमित ने सोचा अगर सच में ऐसा है तो क्यों ना आजमाया जाए उसने दुकान के कोने में एक छोटा सा सेक्शन बनाया जहां उसने कुछ हेल्दी स्नैक्स और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स रखने का फैसला किया यह चीजें उसके कस्बे में कोई नहीं बेचता था लेकिन वह जानता था कि धीरे-धीरे लोग हेल्दी खाने
00:02:47 की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं लेकिन डर अब भी था अगर लोगों ने नहीं खरीदा तो पहले दिन किसी ने ध्यान नहीं दिया दूसरे दिन भी ज्यादा ग्राहकों ने इंटरेस्ट नहीं दिखाया लेकिन तीसरे दिन एक महिला आई और उसने पूछा यह क्या नया लाए हो अमित भैया अमित को कुछ हिचक हुई लेकिन फिर उसने खुद को याद दिलाया डर को कंट्रोल मत करने दो उसे फेस करो उसने महिला को प्रोडक्ट्स के बारे में बताया कि कैसे यह ज्यादा हेल्दी हैं और प्रिजर्वेटिव्स के बने हैं महिला ने कुछ शंका जताई लेकिन फिर ट्राई करने के लिए कुछ चीजें खरीद ली अमित के अंदर एक अजीब
00:03:25 सा कॉन्फिडेंस आया उसे समझ आया कि डर हमेशा रहेगा लेकिन अगर वो डर से भागेगा तो कुछ नया नहीं कर पाएगा कुछ ही हफ्तों में उसके हेल्दी स्नैक्स और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स धीरे-धीरे बिकने लगे जो पहले शक करते थे अब वही लोग आकर पूछते अमित यह चीजें और मंगाओ यह तो अच्छी लग रही है एक रात जब अमित दुकान बंद कर रहा था उसने खुद से पूछा अगर मैंने डर की वजह से यह ट्राई ही नहीं किया होता तो उसने किताब को उठाया और अगला चैप्टर पढ़ने के लिए खोल लिया क्योंकि अब उसे पता था कि की यह बस शुरुआत थी अमित की दुकान अब पहले से ज्यादा चलने
00:04:03 लगी थी हेल्दी स्नैक्स और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के आईडिया ने लोगों को आकर्षित करना शुरू कर दिया था लेकिन जैसे-जैसे बिकरी बढ़ी वैसे-वैसे अमित को लगने लगा कि उसका टाइम मैनेजमेंट गड़बड़ा रहा है दिन भर दुकान में बिजी रहने के बाद जब रात को बैठकर हिसाब किताब करता तो उसे महसूस होता कि बहुत सारा जरूरी काम छूट गया है कभी किसी ग्राहक का ऑर्डर भूल जाता कभी किसी सामान की डिलीवरी लेट हो जाती और सबसे ज्यादा दिक्कत उसे अपनी पर्सनल लाइफ मैनेज करने में हो रही थी रात को जब वह दुकान बंद करने के बाद घर पहुंचा तो उसकी आंखें
00:04:39 फिर से उसी किताब पर पड़ी विन योर नेक्स्ट हर उसने पिछले हफ्ते डर को हराने का सबक सीखा था और अब उसके मन में जिज्ञासा थी कि आगे क्या सीखने को मिलेगा उसने किताब खोली और अगला चैप्टर पढ़ना शुरू किया किताब में लिखा था कि समय हर इंसान के पास बराबर होता है लेकिन फर्क इस बात से होता है कि कौन उसे कैसे इस्तेमाल करता है अगर सही तरीके से समय को मैनेज किया जाए तो कम समय में ज्यादा हासिल किया जा सकता है और बिना थके बिना बर्न आउट हुए अपनी प्रोडक्टिविटी को बढ़ाया जा सकता है अमित को लगा कि यही तो उसकी सबसे बड़ी परेशानी थी वह पूरा दिन
00:05:19 दुकान में लगा देता लेकिन फिर भी ऐसा लगता जैसे वक्त की कमी हो रही हो अगली सुबह जब उसने दुकान खोली तो सबसे पहले उसने सोचा कि वह अपने काम को कैसे बेह तरीके से मैनेज कर सकता है पहले तो उसने गौर किया कि उसका ज्यादातर वक्त कहां जाता है उसने महसूस किया कि दिन भर वह बिना किसी प्लानिंग के ही काम करता है जो भी सामने आ जाता वही करने लग जाता इसी वजह से कभी जरूरी चीजें छूट जाती तो कभी वह खुद को थका हुआ महसूस करता किताब में लिखा था कि अगर तुम अपने दिन को प्लान नहीं करोगे तो तुम्हारा दिन तुम्हें कंट्रोल करेगा अमित
00:05:55 ने ठान लिया कि अब वह अपने दिन को बेहतर तरीके से प्लान करेगा उसने अगले दिन से एक छोटा सा नोटबुक रखा जिसमें वह सुबह उठते ही दिन भर के जरूरी काम लिखने लगा अगर आपको हमारी फ्री समरी अच्छी लगती है तो आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं हमारी मेंबरशिप खरीद सकते हैं या हमें यूपीआई के थ्रू सपोर्ट कर सकते हैं अब समरी पर वापस चलते हैं पहले तो यह आदत कुछ अजीब लगी लेकिन धीरे-धीरे उसे एहसास हुआ कि इससे उसका समय बचने लगा पहले वह दुकान खोलते ही सीधे काम में लग जाता था लेकिन अब वह सबसे पहले बैठकर सोचता कि आज के दिन
00:06:33 के टॉप टास्क कौन-कौन से हैं इससे उसे यह समझने में मदद मिली कि कौन सा काम सबसे ज्यादा जरूरी है और कौन सा काम बाद में भी किया जा सकता है कुछ ही दिनों में उसे महसूस हुआ कि अब वह कम वक्त में ज्यादा काम निपटा पा रहा है पहले जहां वह दुकान के छोटे-छोटे कामों में उलझा रहता था अब वह उन कामों को एक सिस्टम में डाल चुका था एक और बड़ी समस्या जो अमित को महसूस हुई वह थी समय की बर्बादी कई बार वह यूं ही मोबाइल स्क्रॉल करता रहता दोस्तों के साथ गप्पे मारने में घंटों निकाल देता या फिर बिना सोचे समझे ग्राहकों से बेवजह लंबी
00:07:11 बातें करता किताब में लिखा था कि तुम्हारे पास हर दिन सिर्फ 24 घंटे होते हैं लेकिन अगर तुम ध्यान दो तो उनमें से बहुत सारा वक्त बिना मतलब की चीजों में निकल जाता है अमित ने सोचा क्या मैं भी ऐसा कर रहा हूं उसने एक दिन खुद पर नजर रखी और पाया कि सच में वह कई कई बार बिना वजह का समय बर्बाद कर रहा था अब उसने यह तय किया कि वह अपनी गैर जरूरी एक्टिविटीज को कम करेगा उसने एक रूल बना लिया जरूरी कामों को पहले खत्म करो फिर फ्री टाइम का मजा लो धीरे-धीरे उसने अपने काम करने के तरीके में बदलाव लाना शुरू किया पहले जहां वह ग्राहकों से
00:07:49 घंटों बातें करता अब वह जल्दी-जल्दी उनका काम निपटाने की कोशिश करता ताकि ज्यादा ग्राहकों को सर्व कर सके पहले जहां वह हर छोटी-छोटी चीज खुद करता अब उसने अपने हेल्पर को कुछ काम डेली असाइन करने शुरू कर दिए ताकि वह अपनी एनर्जी और वक्त ज्यादा जरूरी चीजों में लगा सके सबसे बड़ा बदलाव अमित की लाइफस्टाइल में तब आया जब उसने सीखा कि मल्टीटास्किंग हमेशा अच्छी चीज नहीं होती पहले वह एक साथ कई चीजें करने की कोशिश करता दुकान भी संभालता फोन कॉल्स भी करता और साथ में कैश काउंटर भी देखता लेकिन किताब में लिखा था कि जब तुम
00:08:26 एक समय में सिर्फ एक चीज पर फोकस करते हो तो वह काम जल्दी और बेहतर तरीके से खत्म होता है अमित ने इस टेक्निक को आजमाया और उसने पाया कि अब उसका दिमाग कम थकता था वह पहले से ज्यादा रिलैक्स फील करने लगा था और काम भी तेजी से हो रहा था कुछ हफ्तों के अंदर ही उसे लगा कि उसकी जिंदगी पहले से ज्यादा संतुलित हो गई थी व ना सिर्फ ज्यादा ग्राहकों को संभाल पा रहा था बल्कि उसके पास खुद के लिए भी वक्त बचने लगा था अब वह रात को हिसाब किताब के बाद कुछ देर अपनी पसंदीदा किताबें पढ़ने के लिए भी समय नहीं निकाल पाता था एक रात जब अमित दुकान
00:09:02 बंद करने के बाद घर पहुंचा तो उसने खुद से पूछा अगर मैंने समय को सही तरीके से मैनेज करना नहीं सीखा होता तो उसने मुस्कुराते हुए किताब का अगला चैप्टर खोल लिया क्योंकि उसे अब यकीन था कि यह सफर यहीं खत्म नहीं होने वाला था अमित की दुकान अब पहले से ज्यादा व्यवस्थित हो चुकी थी टाइम मैनेजमेंट सीखने के बाद उसे महसूस हुआ कि उसकी दिनचर्या पहले कितनी बेतरतीब थी अब उसका दिन पहले से ज्यादा प्रोडक्टिव था काम जल्दी खत्म हो जाता था और सबसे बड़ी बात वह पहले से कम थकता था लेकिन एक चीज अभी भी थी जो उसे परेशान कर रही थी उसकी
00:09:41 टाल मटोल करने की आदत अमित हमेशा से कई चीजों को कल पर टालने का आदि था जब भी कोई नया आईडिया आता वह सोचता अभी कुछ बिजी हूं बाद में देखता हूं कोई जरूरी सामान मंगवाना हो अकाउंट्स अपडेट करने हो या फिर दुकान का पुराना स्टॉक चेक करना हो वह हर चीज को कल के लिए छोड़ देता लेकिन वह कल कभी आता ही नहीं था जब काम बहुत बढ़ जाता तभी वह घबराकर उसे निपटाने बैठता उस रात जब अमित दुकान बंद करके घर पहुंचा तो उसने किताब उठाई और अगला चैप्टर पढ़ना शुरू किया एलिमिनेट प्रोक्रेस्टिनेशन किताब में लिखा था कि टाल मटोल करने की आदत किसी भी इंसान की
00:10:20 ग्रोथ में सबसे बड़ी रुकावट होती है यह सिर्फ काम को आगे बढ़ाने की आदत नहीं है बल्कि यह धीरे-धीरे इंसान के आत्मविश्वास और सफलता को को भी कम कर देती है जो काम आज किया जा सकता है उसे टालना सिर्फ उस काम को मुश्किल बनाता है अमित को यह बात अंदर तक चुप गई उसने सोचा सच में अगर मैं हर जरूरी चीज समय पर करूं तो कितना कुछ आसान हो जाएगा लेकिन सवाल यह था कि कैसे किताब में एक सिस्टम बताया गया था डब्ल्यू आई एन सिस्टम इसमें तीन चीजें थी वट्स इंपोर्टेंट नाउ यानी अभी के इस पल में सबसे जरूरी क्या है अगर हर वक्त इंसान यह
00:11:00 सोचकर काम करे तो उसकी टाल मटोल करने की आदत धीरे-धीरे खत्म हो सकती है अगली सुबह अमित ने यह सिस्टम आजमाने का फैसला किया उसने दुकान खोलते ही सबसे पहले खुद से पूछा आज सबसे जरूरी चीज क्या है पहला जवाब आया पुराना स्टॉक चेक करना यह काम वह महीनों से टाल रहा था उसने हमेशा सोचा कि जब फ्री होगा तब देखेगा लेकिन वह फ्री कभी होता ही नहीं था अमित ने तय कर लिया कि आज यह काम खत्म करके ही र उसने अपने हेल्पर को काउंटर संभालने के लिए कहा और खुद गोदाम में चला गया पुराने कार्टस खोलकर देखा तो बहुत सा सामान या तो एक्सपायर हो चुका था या फिर इतना धूल खा
00:11:41 चुका था कि अब उसे बेचना मुश्किल था अमित को गुस्सा आया अगर मैं इसे पहले देख लेता तो कितना पैसा बच जाता लेकिन उसने गुस्से को साइड में रखा और सीखने पर ध्यान दिया उसने अब से हर महीने स्टॉक चेक करने का रूल बना लिया दूसरा सवाल और क्या जरूरी है जवाब आया एक्सपायर हो चुके सामान का हिसाब लगाना और नया ऑर्डर करना यह काम भी वह कई दिनों से टाल रहा था उसने तुरंत अपने सप्लायर को फोन किया और लिस्ट तैयार की अब अमित को समझ आ रहा था कि उसकी टाल मटोल करने की आदत उसे कितना पीछे रख रही थी यह सिर्फ दुकान तक सीमित नहीं थी बल्कि उसकी
00:12:20 पर्सनल लाइफ में भी यही हो रहा था वह हमेशा सोचता था कि फिटनेस के लिए एक्सरसाइज शुरू करेगा लेकिन वह भी कल पर टलता जा रहा था उसने फैसला किया कि कल नहीं बल्कि आज से ही सुबह जल्दी उठकर कुछ स्ट्रेचिंग करेगा किताब में एक और चीज लिखी थी जब भी तुम्हारा मन किसी काम को टालने लगे खुद से पूछो अगर इसे अभी कर लिया जाए तो मेरी लाइफ कितनी आसान हो जाएगी अमित ने इसे भी अपनाना शुरू किया अब जब भी वह किसी काम को टालने लगता वह खुद से यही सवाल करता धीरे-धीरे उसने देखा कि उसकी आदत बदलने लगी थी अब वह पहले से ज्यादा फोकस्ड और डिसिप महसूस कर रहा था
00:13:01 एक दिन एक ग्राहक ने उससे कहा अमित भाई दुकान पहले से और बढ़िया लग रही है आप पहले से ज्यादा एक्टिव भी लगते हो अमित मुस्कुरा दिया क्योंकि उसे पता था कि यह बदलाव सिर्फ दुकान तक सीमित नहीं था वह खुद भी पहले से बेहतर इंसान बन रहा था उस रात जब अमित ने किताब उठाई तो वह अगला चैप्टर पढ़ने के लिए एक्साइटेड था क्योंकि अब उसे पता था कि सीखना और आगे बढ़ना ही उसका असली लक्ष्य था अमित की दुकान पहले से कहीं ज्यादा व्यवस्थित हो चुकी थी अब ना सिर्फ उसका काम समय पर हो रहा था बल्कि वह पहले की तुलना में ज्यादा एनर्जेटिक
00:13:37 महसूस करने लगा था लेकिन एक और नई समस्या थी वह इतना ज्यादा काम कर रहा था कि कभी-कभी उसे खुद पर ही शक होने लगता दिन भर दुकान की भागदौड़ फिर घर आकर किताब पढ़ना नए आईडिया सोचना और फिर अगले दिन फिर से वही दौड़ अमित को लगने लगा था कि कहीं यह सब उसकी एनर्जी को खत्म तो नहीं कर रहा उसे याद आया कि कई बार ऐसा हुआ कि वह सुबह दुकान पर आते ही थका हुआ महसूस करता था जैसे उसने रात भर कोई भारी काम किया हो वह ज्यादा प्रोडक्टिव बनना चाहता था लेकिन इस तरह लगातार मेहनत करके अगर वह खुद को ही थका डाले तो फायदा क्या उस रात
00:14:16 जब उसने किताब खोली तो अगला चैप्टर पढ़ना शुरू किया इंक्रीज प्रोडक्टिविटी विदाउट बर्न आउट किताब में बताया गया था कि प्रोडक्टिविटी का मतलब सिर्फ ज्यादा काम करना नहीं होता बल्कि सही तरीके से काम करना होता है अगर कोई इंसान बिना सोचे समझे सिर्फ मेहनत करता जाएगा तो वह जल्दी ही थक जाएगा और धीरे-धीरे उसकी परफॉर्मेंस भी गिरने लगेगी अमित को यह सुनकर कुछ झटका लगा वह भी तो यही कर रहा था दिन रात काम में इतना उलझ गया था कि उसे अपने ऊपर ध्यान देने का समय ही नहीं मिल रहा था किताब में कुछ स्ट्रेटेजी बताई गई थी जो
00:14:55 बिना खुद को थका ज्यादा आउटपुट देने में मदद कर सकती थी सबसे पहली स्ट्रेटेजी थी ब्रेक्स लेना अमित ने गौर किया कि वह बिना रुके लगातार छह से 7 घंटे तक काम करता था लंच ब्रेक भी कभी-कभी स्किप कर देता था सोचता था कि ज्यादा से ज्यादा कस्टमर्स को हैंडल कर ले लेकिन किताब में लिखा था कि हर 90 मिनट के बाद 5 से 10 मिनट का ब्रेक लेना जरूरी होता है वरना ब्रेन की एफिशिएंसी कम होने लगती है अगले दिन से अमित ने एक नियम बनाया हर डेढ़ घंटे बाद 5 मिनट का ब्रेक शुरुआत में अजीब लगा लेकिन धीरे-धीरे उसे महसूस हुआ कि जब वह छोटा सा
00:15:33 ब्रेक लेकर लौटता तो पहले से ज्यादा फ्रेश और अलर्ट महसूस करता था दूसरी स्ट्रेटजी थी सब कुछ खुद करने की जगह डेलीगेट करना अमित ने सोचा सच में मैं दुकान की हर छोटी बड़ी चीज खुद ही क्यों करता हूं जो काम हेल्पर कर सकता है उसे मैं खुद क्यों संभाल रहा हूं उसने अपने हेल्पर को कुछ जिम्मेदारियां देना शुरू किया छोटे-मोटे सामान की गिनती ऑनलाइन ऑर्डर पैक करना और कुछ बेसिक अकाउंट्स का ध्यान रखना इससे अमित का बहुत समय बचने लगा और वह बड़े कामों पर फोकस कर सका तीसरी स्ट्रेटजी थी काम के बीच में माइंड को रिफ्रेश करना
00:16:12 अमित को याद आया कि पहले जब वह नया-नया दुकान चला रहा था तब कभी-कभी खाली समय में रेडियो सुन लेता था या फिर दुकान के बाहर बैठकर लोगों को आते जाते देखता था लेकिन अब वह बस काम काम और काम में ही उलझा रहता था अब उसने तय किया कि वह दिन में कम से कम 10 मिनट का समय ऐसा निकालेगा जब वह किसी भी काम के बारे में नहीं सोचेगा उसने दुकान के एक कोने में छोटा सा स्पीकर लगा लिया जिससे हल्की फुल्की म्यूजिक प्ले हो सके कभी-कभी वह दुकान के बाहर बैठकर चाय पीते हुए बस सड़क पर गुजरते लोगों को देखता उसे लगा जैसे यह छोटा सा बदलाव उसकी
00:16:52 मेंटल एनर्जी को काफी बढ़ा रहा है कुछ ही दिनों में अमित को एहसास हुआ कि अब वह पहले से ज्यादा फोकस कट और एनर्जेटिक महसूस करता था सबसे खास बात अब उसे ऐसा नहीं लगता था कि वह सिर्फ भाग रहा है एक दिन उसका पुराना दोस्त विक्रम दुकान पर आया उसने कहा यार तेरे अंदर एक अलग ही एनर्जी दिख रही है पहले जैसा थका थका नहीं लगता क्या चक्कर है अमित मुस्कुरा दिया उसने सोचा अगर यह बदलाव मुझे खुद महसूस हो रहा है और लोग भी देख पा रहे हैं तो मैं सही दिशा में जा रहा हूं उस रात जब अमित ने किताब खो बोली तो वह और सीखने के लिए
00:17:31 तैयार था क्योंकि अब उसे समझ आ गया था कि सिर्फ ज्यादा काम करना ही काफी नहीं होता बल्कि उसे सही तरीके से करना भी जरूरी होता है अमित अब पहले से ज्यादा स्मार्ट तरीके से काम करने लगा था उसकी टाल मटोल करने की आदत काफी हद तक कम हो चुकी थी वह प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के तरीके भी सीख चुका था और खुद को बिना थका ज्यादा काम करने का तरीका भी समझ गया था लेकिन अब उसके सामने एक नया सवाल था जब कोई बहुत बड़ा चैलेंज सामने आता है तब क्या किया जाए दुकान अच्छी चल रही थी लेकिन कुछ बड़े बदलाव जरूरी थे उसे ऑनलाइन सेलिंग शुरू
00:18:08 करनी थी सोशल मीडिया पर मार्केटिंग करनी थी और दुकान का इंटीरियर भी कुछ अपग्रेड करना था लेकिन जब भी वह इन सब चीजों के बारे में सोचता उसे लगता कि यह सब बहुत बड़ा काम है और वह इसे कैसे करेगा उस रात जब अमित ने किताब खोली तो अगला चैप्टर पढ़ा चुनौतियों को घंटे घंटे हराना किताब में एक सिंपल लेकिन पावरफुल आईडिया बताया गया था किसी भी बड़े चैलेंज को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट दो और बस एक-एक घंटे पर फोकस करो अमित ने सोचा अगर मैं हर बार पूरा प्रोजेक्ट एक साथ सोचूंगा तो हमेशा डर लगेगा लेकिन अगर मैं सिर्फ अगले एक
00:18:46 घंटे के टारगेट पर ध्यान दूं तो शायद चीजें आसान लगेंगी अगली सुबह उसने अपने सबसे बड़े चैलेंज को एक कागज पर लिखा ऑनलाइन सेलिंग शुरू करना यह सुनने में आसान लगता था लेकिन इसमें बहुत कुछ करना था प्रोडक्ट्स की फोटोस लेनी थी डिस्क्रिप्शन लिखनी थी एक ऑनलाइन प्लेटफार्म पर अकाउंट बनाना था और डिलीवरी सिस्टम सेट करना था अमित को यह सोचकर ही भारीपन महसूस होने लगा लेकिन फिर उसने किताब का तरीका अपनाया बस एक घंटे का टारगेट सेट करो पहला टारगेट सिर्फ यह रिसर्च करना कि ऑनलाइन बिजनेस के लिए सबसे अच्छा प्लेटफार्म कौन सा होगा उसने एक
00:19:25 घंटे तक सिर्फ इसी पर ध्यान दिया और काट और मशो के ऑप्शंस देखे आखिर में उसने तय किया कि वह सबसे पहले मशो पर ट्राई करेगा क्योंकि वहां स्मॉल बिजनेस के लिए सेटअप आसान था अगले दिन का पहला घंटा बस अपने टॉप 10 प्रोडक्ट्स की लिस्ट बनाना उसके अगले दिन का पहला घंटा बस इन प्रोडक्ट्स की अच्छी फोटो खींचना धीरे-धीरे हर दिन सिर्फ एक घंटे के टारगेट पर ध्यान देकर अमित ने ऑनलाइन सेलिंग का सेटअप पूरा कर लिया अब उसे महसूस हुआ कि कोई भी बड़ा काम असल में उतना बड़ा नहीं होता बस हम उसे एक साथ करने की सोचकर डर जाते हैं अब वह यही स्ट्रेटेजी अपनी दुकान
00:20:06 के इंटीरियर अपग्रेड के लिए भी अपनाने लगा एक घंटे में सिर्फ फर्श का डिजाइन डिसाइड करना अगले दिन एक घंटे में पेंट कलर चुनना फिर अगले दिन एक घंटे में रैक की सेटिंग प्लान करना हफ्ते भर में उसका प्लान तैयार हो चुका था और वह बिना किसी स्ट्रेस के इसे एग्जीक्यूट कर सकता था कुछ हफ्तों बाद जब उसकी ऑनलाइन दुकान चलने लगी और दुकान का नया सेटअप भी तैयार हो गया तब उसे एहसास हुआ कि जो काम उसे असंभव लग रहा था वह सिर्फ कुछ छोटे-छोटे घंटों में पूरा हो चुका था एक दिन एक नया ग्राहक उसकी दुकान पर आया और बोला आपकी दुकान काफी प्रोफेशनल
00:20:44 लग रही है और मैंने मशो पर भी आपका स्टोर देखा बहुत बढ़िया काम कर रहे हैं अमित मुस्कुरा दिया अब वह जान चुका था कि कोई भी चैलेंज कितना भी बड़ा क्यों ना लगे अगर उसे एक घंटे एक घंटे में तोड़ दिया जाए तो वह आसान और मैने जबल बन जाता है उस रात जब अमित ने किताब खोली तो वह अब अगला सबक सीखने के लिए पूरी तरह तैयार था अमित की दुकान अब पहले से कहीं ज्यादा व्यवस्थित और प्रोफेशनल हो चुकी थी ऑनलाइन सेलिंग भी शुरू हो गई थी और दुकान का इंटीरियर अपग्रेड होने के बाद कस्टमर्स को एक नया अनुभव मिल रहा था लेकिन फिर भी अमित के मन
00:21:21 में एक अजीब सा डर था उसे लग रहा था कि उसने जो बदलाव किए वे ज्यादा समय तक टिकें या नहीं क्या वह इसी तरह आगे भी ग्रो कर पाएगा या फिर कुछ समय बाद सब कुछ पहले जैसा हो जाएगा उस रात जब अमित ने किताब खोली तो अगला चैप्टर पढ़ा एंब्रेस चैलेंज एंड कंसिस्टेंसी किताब में बताया गया था कि किसी भी फील्ड में सक्सेसफुल होने के लिए सिर्फ चैलेंज को फेस करना ही काफी नहीं होता बल्कि उनके साथ कंसिस्टेंसी बनाए रखना भी जरूरी होता है यह ठीक वैसे ही है जैसे कोई एथलीट हर दिन ट्रेनिंग करता है चाहे खराब हो या शरीर थका हुआ महसूस करें
00:22:02 अमित ने सोचा मैंने अब तक कई बड़े चैलेंज को पार किया है लेकिन अगर मैं इन्हें कंटिन्यू नहीं कर पाया तो सब बेकार हो जाएगा दुकान को अच्छे से चलाने के लिए उसे हर दिन वही एफर्ट डालना होगा ऑनलाइन बिजनेस को ग्रो करने के लिए लगातार मार्केटिंग करनी होगी नई स्किल्स सीखनी होंगी अगर उसने यह सब करना बंद कर दिया तो सब कुछ धीरे-धीरे ढीला पड़ जाएगा अगले दिन से अमित ने अपने लिए एक नई आदत बनानी शुरू की हर सुबह दुकान खोलने से पहले 15 मिनट तक यह सोचना कि आज उसे कौन से तीन सबसे जरूरी काम पूरे करने हैं इससे उसे हर दिन
00:22:38 क्लेरिटी मिलती और वह बिना भटके अपने टारगेट्स पर फोकस कर पाता लेकिन जब उसने यह आदत शुरू की तो कुछ ही दिनों बाद उसे एक नई दिक्कत महसूस हुई कभी-कभी वह खुद को ज्यादा मोटिवेटेड महसूस करता था और सब कुछ आसानी से हो जाता था लेकिन कुछ दिन ऐसे भी आते जब उसे बिल्कुल भी मन नहीं करता था कि वह इन छोटे-छोटे टारगेट्स को पूरा करने के लिए मेहनत करें एक दिन जब वह दुकान में बैठा था तभी एक पुराना दोस्त आकाश वहां आया आकाश एक जिम ट्रेनर था और हमेशा फिटनेस को लेकर बहुत पैशनेट रहता था अमित ने उससे पूछा यार तेरा शेड्यूल इतना टफ
00:23:18 होता है फिर भी तू रोज जिम कैसे कर लेता है कभी ऐसा नहीं लगता कि आज नहीं करने का मन है आकाश हंसने लगा और बोला अरे भाई मन तो कई बार नहीं करता लेकिन अगर मैं हर बार अपने मन की सुनता तो शायद जिम छोड़ चुका होता असली बात यह है कि मैं इसे अपने रूटीन का हिस्सा बना चुका हूं मैं इसे चॉइस नहीं जरूरत मानता हूं अमित को बात समझ आ गई उसे दुकान और ऑनलाइन बिजनेस को भी इसी तरह से हैंडल करना होगा अगर उसने इसे चॉइस समझा तो कभी मन करेगा और कभी नहीं लेकिन अगर उसने इसे जरूरत मान लिया तो फिर कोई बहाना नहीं चलेगा उस दिन से
00:23:56 अमित ने फैसला किया कि चाहे कुछ भी हो जाए वह हर दिन 15 मिनट अपने तीन जरूरी टारगेट्स तय करेगा और उन्हें पूरा करने की कोशिश करेगा कुछ हफ्तों में यह उसकी आदत बन गई अब उसे सोचना भी नहीं होता था हर सुबह यह काम अपने आप हो जाता था जैसे ब्रश करना या नाश्ता करना धीरे-धीरे उसने महसूस किया कि उसकी लाइफ पहले से ज्यादा बैलेंस्ड हो रही थी जब भी कोई नया चैलेंज आता वह घबराने की बजाय उसे अपनाने के लिए तैयार रहता अब उसे पता था कि अगर वह रोज कुछ कुछ करके सही दिशा में चलता रहेगा तो उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता एक
00:24:32 दिन उसकी दुकान पर एक नया कस्टमर आया और बोला आपकी दुकान हमेशा इतनी साफ सुथरी और अच्छी तरह मैनेज क्यों रहती है हर चीज परफेक्ट लगती है अमित मुस्कुरा दिया और मन ही मन सोचा क्योंकि अब मैं किसी भी चीज को एक दिन के लिए नहीं करता मैं हर दिन वही मेहनत दोहराता हूं उस रात जब उसने किताब खोली तो अब वह अगले सबक के लिए पूरी तरह तैयार था अमित की दुकान अब अच्छ चल रही थी उसकी ऑनलाइन सेल्स भी धीरे-धीरे बढ़ रही थी और उसने कंसिस्टेंसी को अपनी लाइफ का हिस्सा बना लिया था लेकिन फिर भी उसे लग रहा था कि वह जिस तेजी से आगे बढ़ना चाहता
00:25:10 था उस हिसाब से उसकी ग्रोथ कुछ स्लो थी एक दिन जब वह अपनी सेल्स का एनालिसिस कर रहा था तो उसे समझ आया कि दुकान में आने वाले कस्टमर्स की संख्या बढ़ रही थी लेकिन उनका एवरेज स्पेंड ज्यादा नहीं था लोग छोटे-छोटे आइटम्स खरीद रहे थे लेकिन बड़े ऑर्डर कम थे उसने सोचा कि अगर वह अपनी इनकम को बढ़ाना चाहता है तो उसे सिर्फ दुकान पर निर्भर नहीं रहना चाहिए बल्कि खुद को ऐसे स्किल्स से लस करना चाहिए जो उसकी फाइनेंशियल ग्रोथ में हेल्प करें उसी रात जब उसने किताब खोली तो अगला चैप्टर पढ़ा डेवलप हाई इनकम स्किल्स इसमें बताया गया था कि अगर
00:25:48 किसी को अपनी इनकम बढ़ानी है तो उसे ऐसी स्किल्स सीखनी चाहिए जो मार्केट में ज्यादा वैल्यू रखती हो अमित ने सोचा दुकानदारी तो मैं अच्छी कर रहा हूं लेकिन क्या मैं कुछ ऐसा सीख सकता हूं जिससे मेरी इनकम और तेजी से बढ़े अगले कुछ दिनों तक उसने इस पर रिसर्च की उसने देखा कि डिजिटल मार्केटिंग कॉपीराइटिंग वीडियो एडिटिंग ग्राफिक डिजाइनिंग और कोडिंग जैसी स्किल्स आज के जमाने में बहुत डिमांड में है लेकिन इनमें से कौन सी उसके लिए सबसे सही रहेगी फिर उसे ध्यान आया कि अब उसकी दुकान ऑनलाइन चल रही थी लेकिन उसे अभी तक सोशल
00:26:24 मीडिया मार्केटिंग सही से नहीं आती थी उसने सोचा कि अगर वह यह स्किल सीख ले तो अपनी खुद की मार्केटिंग कर सकता है और दूसरे बिजनेस के लिए भी फ्रीलांसिंग कर सकता है अमित ने [संगीत] फिर धीरे-धीरे उसने वीडियो एडिटिंग भी सीखनी शुरू की कुछ ही महीनों में उसकी ऑनलाइन सेल्स डबल हो गई एक दिन एक दोस्त की गिफ्ट शॉप में मंदी चल रही थी उसने अमित से मदद मांगी अमित ने उसकी दुकान के लिए सोशल मीडिया ऐड्स रन की और कुछ ही हफ्तों में उसकी सेल्स भी बढ़ गई दोस्त ने खुश होकर अमित को पैसे देने की कोशिश की लेकिन अमित ने हंसते हुए मना कर दिया
00:27:23 लेकिन इस पूरी प्रोसेस में उसे समझ आ गया कि वह सिर्फ एक दुकानदार नहीं था अब वह एक स्किल्ड मार्केटर भी बन चुका था उसने सोचा कि अगर वह दूसरे छोटे बिजनेस के लिए भी डिजिटल मार्केटिंग करने लगे तो यह उसकी एक साइड इनकम बन सकती है धीरे-धीरे अमित ने फ्रीलांस क्लाइंट्स लेने शुरू कर दिए अब उसकी दुकान के साथ-साथ एक नई इनकम सोर्स भी बन चुकी थी उसने महसूस किया कि दुकान चलाना एक बात थी लेकिन अगर वह हाई इनकम स्किल सीखता रहेगा तो उसकी इनकम के ग्रो करने की कोई लिमिट नहीं थी अब अमित को अपनी फाइनेंशियल फ्यूचर को को लेकर पहले
00:27:59 जैसी टेंशन नहीं होती थी उसने समझ लिया था कि असली सिक्योरिटी सिर्फ दुकान से नहीं आती बल्कि उन स्किल्स से आती है जो किसी भी फील्ड में काम आ सकती हैं उस रात जब उसने किताब खोली तो उसे अब अगला सबक सीखने की उत्सुकता हो रही थी अमित की लाइफ अब पहले जैसी नहीं रही थी जहां पहले वे सिर्फ एक दुकान चलाने वाला आदमी था अब वह डिजिटल मार्केटिंग भी कर रहा था और धीरे-धीरे नई स्किल्स सीखते हुए खुद को अपग्रेड कर रहा था उसकी इनकम बढ़ चुकी थी और सबसे जरूरी बात अब उसे अपने फ्यूचर को लेकर डर नहीं लगता था लेकिन एक चीज अभी भी वैसी ही थी उसकी
00:28:38 सोच अमित अपने कंफर्ट जन से बाहर तो आ गया था लेकिन अभी भी वह हर चीज को बहुत सोच समझकर करता था किसी भी नए मौके पर कदम बढ़ाने से पहले वह 10 बार सोचता रिस्क एनालिसिस करता और फिर भी हिचक चाता शायद इसलिए क्योंकि उसे अपने बिजनेस में नुकसान उठाने का डर था या फिर उ उसे लग रहा था कि अब जो मिल रहा है वही काफी है लेकिन क्या सच में यही काफी था उस रात जब उसने किताब खोली तो अगला चैप्टर था से यस टू न्यू एक्सपीरियंस किताब में लिखा था कि जब तक हम नए अनुभवों को अपनाने के लिए तैयार नहीं होते तब तक हमारी ग्रोथ भी लिमिटेड
00:29:17 रहती है जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए कभी-कभी बस हां कहना ही सबसे बड़ा स्टेप होता है अमित ने इस पर बहुत सोचा उसे लगा कि हां वह नई स्किल्स तो सीख रहा था लेकिन क्या वह वाकई में नई चीजों के लिए खुला था क्या वह सिर्फ सेफ गेम खेल रहा था अगले दिन उसकी दुकान में एक पुराना कस्टमर आया जो अक्सर मोबाइल एक्सेसरीज खरीदने आता था बातों-बातों में उसने बताया कि वह इवेंट्स ऑर्गेनाइज करता है और उसे एक अच्छे डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर की जरूरत थी उसने अमित से पूछा क्या तुम हमारे इवेंट की ऑनलाइन मार्केटिंग कर सकते हो अमित का दिमाग एकदम से अलर्ट हो गया उसने
00:29:56 सोचा कि यह उसके लिए एक बड़ा मौका का हो सकता है लेकिन फिर डर भी लगा उसने पहले कभी किसी बड़े इवेंट की मार्केटिंग नहीं की थी क्या वह यह कर पाएगा क्या अगर कुछ गलत हो गया तो उसकी रेपुटेशन खराब हो जाएगी उसके दिमाग में दोनों तरह की आवाजें चल रही थी एक कह रही थी कि यह रिस्क मत लो अपनी दुकान और छोटे क्लाइंट्स पर फोकस करो दूसरी आवाज कह रही थी कि अगर तुम यह कर लेते हो तो एक नई दुनिया तुम्हारे लिए खुल सकती है अमित को किताब की बात याद आई से यस टू न्यू एक्सपीरियंस उसने गहरी सांस ली और कहा हां मैं करूंगा अगले कुछ हफ्तों तक
00:30:34 वह इवेंट की ऑनलाइन मार्केटिंग में लगा रहा उसने नए तरीके सीखे अलग-अलग टूल्स इस्तेमाल किए और सबसे बड़ी बात उसने अपने डर को कंट्रोल किया धीरे-धीरे रिजल्ट्स आने लगे इवेंट की टिकट्स तेजी से बिक रही थी और क्लाइंट उससे खुश था जब इवेंट खत्म हुआ तो उसका क्लाइंट इतना इंप्रेस हुआ कि उसने अमित को एक और बड़े प्रोजेक्ट का ऑफर दे दिया अब अमित सिर्फ एक दुकान का मालिक नहीं था वह एक डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट भी बन चुका था उस रात जब वह अपनी दुकान बंद कर रहा था तो उसे महसूस हुआ कि उसकी जिंदगी सच में बदल चुकी थी अगर वह उस दिन
00:31:11 ना कह देता तो शायद यह सब कभी नहीं होता उसने अब समझ लिया था कि नए एक्सपीरियंस से डरना नहीं चाहिए बल्कि उन्हें अपनाना चाहिए क्योंकि वही हमें असली ग्रोथ देते हैं अब जब उसने किताब खोली तो एक अजीब सा एहसास हुआ यह कि किताब सिर्फ एक किताब नहीं थी यह एक सफर था जिसने उसकी सोच को बदल दिया उसे डर से बाहर निकाला उसे नई स्किल्स सिखाई और उसे वह इंसान बनाया जो अब किसी भी नए मौके से भागता नहीं था बल्कि उसे अपनाता था अमित अब पहले जैसा नहीं रहा था उसने अपने डर को हराया टाइम मैनेजमेंट सीखा आलस छोड़कर प्रोडक्टिविटी
00:31:50 बढ़ाई और धीरे-धीरे अपनी इनकम के नए रास्ते भी खोल लिए लेकिन सबसे बड़ी बात यह थी कि अब वह किसी भी नए मौके को लेकर डरता नहीं था उसकी दुकान पहले से ज्यादा अच्छी चल रही थी डिजिटल मार्केटिंग में उसे लगातार नए क्लाइंट्स मिल रहे थे और अब उसकी पहचान सिर्फ एक दुकानदार की नहीं बल्कि एक स्मार्ट बिजनेसमैन की बन चुकी थी एक दिन उसके पास एक बड़ा ऑफर आया एक नामी कंपनी ने उसकी डिजिटल मार्केटिंग स्किल्स देखी और उसे एक हाई इनकम जॉब का ऑफर दिया यह वही अमित था जो कभी सोचता था कि वह बस एक छोटी सी दुकान तक ही सीमित रहेगा और अब
00:32:29 उसके पास एक ऐसी जॉब थी जो उसकी मौजूदा इनकम से कई गुना ज्यादा थी अमित के सामने अब दो रास्ते थे या तो वह अपनी दुकान को ही एक्सपेंड करें और इसे एक ब्रांड बनाए या फिर इस नए जॉब ऑफर को अपनाए और अपनी स्किल्स को और आगे बढ़ाए उसने सोचा वह जिस भी रास्ते पर जाए उसे बस वही माइंड सेट रखना है जो इस किताब ने उसे सिखाया था डर से नहीं नए एक्सपीरियंस से सीखते हुए आगे बढ़ना है आखिर में उसने फैसला लिया कि वह दोनों चीजों को बैलेंस करेगा दुकान उसका फाउंडेशन थी लेकिन अब वह सिर्फ एक दुकानदार नहीं था वह एक एंटरप्रेन्योर बन
00:33:07 चुका था जो लगातार नई चीजें सीखकर आगे बढ़ रहा था उस रात जब उसने किताब को आखिरी बार हाथ में लिया तो उसे महसूस हुआ कि यह सिर्फ एक किताब नहीं थी बल्कि उसकी लाइफ का टर्निंग पॉइंट थी उसने उसे वह अमित बना दिया जो अब किसी भी मौके से पीछे नहीं हटता बल्कि उसे अपनाता था उसने किताब बंद की मुस्कुराया और मन में सोचा अब अगला चैप्टर उसकी खुद की जिंदगी लिखे गी अमित की जिंदगी पूरी तरह बदल चुकी थी एक साधारण दुकानदार से वह एक डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट और एंटरप्रेन्योर बन चुका था उसने अपने डर पर काबू पाया समय का सही
00:33:45 इस्तेमाल सीखा आलस छोड़कर अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ाई और नए अवसरों को अपनाना सीखा अब वह हर मौके को एक्सप्लोर करने के लिए तैयार था क्योंकि उसने समझ लिया था कि असली ग्र तभी होती है जब हम नए एक्सपीरियंस को अपनाते हैं जब उसे एक बड़ी कंपनी से हाई इनकम जॉब का ऑफर मिला तो उसने सोचा कि अब उसके पास अनगिनत रास्ते खुल चुके हैं लेकिन उसने फैसला किया कि वह अपनी दुकान और डिजिटल बिजनेस को बैलेंस करके आगे बढ़ेगा अब वह सिर्फ कमाने के लिए नहीं बल्कि सीखने और आगे बढ़ने के लिए काम कर रहा था रात को जब उसने किताब को आखिरी
00:34:23 बार देखा तो उसे एहसास हुआ कि यह सिर्फ एक किताब नहीं थी बल्कि उसकी लाइफ का टर्निंग पॉइंट थी उसने मुस्कुराते हुए सोचा अब उसकी असली कहानी शुरू हो रही थी तो फ्रेंड्स यह थी हमारी आज की बुक समरी आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं और धन्यवाद आपका समरी एंड तक सुनने के लिए
Disclaimer: – This video is used for informative and motivational purposes only. If you found this video helpful and informative then let us know your thoughts in the comment section of this page.